मंगलवार 02 दिसंबर से 07 दिसंबर तक मालदीव में आयोजित सातवीं कैरम वर्ल्ड कप प्रतियोगिता में ज़िले की चनपटिया निवासी काजल कुमारी ने इतिहास रच दिया है.काजल ने महिला डब्ल्स मुकाबलों में दो गोल्ड और महिला सिंगल्स में एक सिल्वर जीतकर चम्पारण ही नहीं, बल्कि सूबे का नाम भी रौशन किया है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी IIT रुड़की ने JEE Advanced 2026 में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के लिए नए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया जारी किए हैं। ये रुल्स 5 पॉइंट्स में हैं। परीक्षा में शामिल होने के लिए सभी कैंडिडेट्स को इन पांचों नियमों को अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा। JEE Main 2026 टॉपर बनना होगा कैंडिडेट्स को JEE Main 2026 (B.E./B.Tech पेपर) में टॉप 2,50,000 सफल उम्मीदवारों में स्थान पाना होगा। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (GEN-EWS) के लिए 10%, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC-NCL) के लिए 27%, अनुसूचित जाति (SC) के लिए 15%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 7.5% और ओपन कैटेगरी के लिए 40.5% सीटें रहेंगी। हर कैटेगरी में PwD यानी दिव्यांग कैंडिडेट्स को 5% आरक्षण मिलेगा। आरक्षित कैंडिडेट्स को 5 साल एज लिमिट की छूट कैंडिडेट का जन्म 1 अक्टूबर, 2001 या उसके बाद होना चाहिए। SC/ST और PwD कैंडिडेट्स को 5 साल की छूट मिलेगी यानी इनका जन्म 1 अक्टूबर 1996 या उसके बाद होना चाहिए। लगातार देने होंगे 2 अटेम्प्ट्स कैंडिडेट्स अधिकतम दो बार और दो लगातार सालों में ही JEE Advanced दे सकते हैं। 2024 पास आउट एलिजिबल नहीं कैंडिडेट्स को पहली बार 12वीं की परीक्षा 2025 या 2026 में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स के साथ देनी चाहिए। 2024 या उससे पहले पहली बार 12वीं की परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स इसमें एलिजिबल नहीं होंगे। हालांकि, अगर किसी बोर्ड ने 2023–24 परीक्षा के परिणाम 18 जून, 2024 या उसके बाद जारी किए, तो ऐसे कैंडिडेट्स जो 2024 में परीक्षा में शामिल हुए थे, वे एलिजिबल माने जाएंगे। अगर बोर्ड ने परिणाम 18 जून, 2024 से पहले जारी कर दिए, लेकिन किसी उम्मीदवार का परिणाम रोका गया था, तो वह एलिजिबल नहीं माना जाएगा। IIT में पहले से एडमिशन वाले एलिजिबल नहीं अगर किसी कैंडिडेट ने पहले IIT के किसी प्रोग्राम में एडमिशन लिया हो, ऑनलाइन/ऑफलाइन रिपोर्टिंग कर सीट अलॉट कराई हो और एडमिशन के बाद सीट रद्द की हो, तो ऐसे कैंडिडेट्स को एलिजिबल नहीं माना जाएगा। हालांकि, 2025 में प्रिपरेटरी कोर्स में दाखिला लेने वाले कैंडिडेट्स फिर भी JEE Advanced 2026 दे सकेंगे। साथ ही, जिन्हें JoSAA 2025 में IIT सीट अलॉट हुई थी लेकिन उन्होंने रिपोर्ट नहीं किया, या फाइनल राउंड से पहले सीट छोड़ दी, वे भी एलिजिबल रहेंगे। 2 सेशन में होगी मेन्स परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA ने एग्जाम डेट्स जारी कर दी हैं। सेशन 1 की परीक्षा 21 से 30 जनवरी, 2026 के बीच होगी। वहीं, सेशन 2 की परीक्षा 1 से 10 अप्रैल, 2026 के बीच होगी। IIT रुड़की 17 मई, 2026 को JEE Advanced 2026 की कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा आयोजित करेगी। ------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... NCERT की किताब में गजनवी पर 6 पेज होंगे: पहले एक पैरा था; 7वीं की किताब में मथुरा, कन्नौज मंदिर लूट और सोमनाथ डिमॉलिशन जुड़े NCERT ने 7वीं क्लास की सोशल साइंस की किताब में नए बदलाव किए हैं। सिलेबस में महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमणों के टॉपिक को बढ़ाया गया है। इससे पहले किताब में गजनवी पर केवल एक पैराग्राफ था। लेकिन नई किताब में 6 पेजेस का एक नया सेक्शन जोड़ा गया है। बुक में महमूद गजनवी और उससे जुड़े कालखंडों को और ज्यादा डिटेल में बताया गया है। नए सिलेबस की किताबें 2026-27 सेशन में पढ़ाई जा सकती हैं। पढ़ें पूरी खबर...
सात भाई और पांच बहनों समेत 14 लोगों के परिवार में जन्मे उस लड़के ने अपने पुलिस कॉन्स्टेबल पिता को परिवार चलाने के लिए संघर्ष करते देखा। 12 साल की उम्र से ही वह और उसका बड़ा भाई परिवार का सहारा बनना चाहते थे। पढ़ाई-लिखाई छोड़कर छोटे-मोटे काम करने लगे। फिर चोरी की आदत पड़ गई, क्योंकि उसमें तुरंत पैसा मिलता था और पिता के कारण पुलिस सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ भी देती थी। बालिग होने से सिर्फ 53 दिन पहले 4 नवंबर 1974 को उन्हें पता चला कि एक आंगड़िया (कमीशन के लिए पैसा और कीमती सामान ट्रांसफर करने वाले पारंपरिक कुरियर) आने वाला है।उन्होंने कार्नैक बंदर ब्रिज पर फिल्मी अंदाज में जाल बिछाया और चाकू की नोक पर उसे लूट लिया। जांच ने पुलिस को ही नहीं, बल्कि बॉम्बे (अब मुंबई) के समूचे अपराध जगत को चौंका दिया, क्योंकि यह पैसा मेट्रोपोलिटन बैंक का था और पहली बार किसी बैंक को इस अंदाज में लूटा गया था। जाहिर तौर पर सनसनीखेज मामले में इस नाबालिग की गिरफ्तारी हुई, जेल गया। लेकिन उसने ऊपरी अदालत में अपील की और जमानत मिल गई। इसके बाद वह कभी जेल नहीं लौटा। उसने बॉम्बे ही नहीं पूरे देश में आतंक का राज फैला दिया था। आप सभी उसे जानते भी हैं। वह कोई और नहीं, बल्कि दाउद इब्राहिम है। मैंने रिटायर्ड आईपीएस डी. शिवनंदन की 273 पन्नों वाली किताब ‘द ब्रह्मास्त्र अनलीश्ड’ महज दो दिनों में पढ़ी। किताब में बताया गया है कि पुलिस ने कैसे अपराध जगत में बड़े गैंग्स्टर करीम लाला, हाजी मस्तान, वरदराजन मुदलियार, अबू सलेम, छोटा शकील, बड़ा राजन से लेकर उनके छोटे-मोटे सहयोगियों तक को खत्म किया। मैंने यह किताब इसलिए नहीं पढ़ी कि यह बहुत रोमांचक, तेज और क्राइम थ्रिलर जैसी थी। और इसलिए भी नहीं कि एक क्राइम रिपोर्टर होने के नाते मैं इन अपराधियों को जानता था। मैं इनमें से कई अपराधियों से मिला भी था और बात भी की थी। इसलिए मैं ये बहुत-सी कहानियां जानता था। मैंने ये इसलिए पढ़ी, क्योंकि लेखक ने पुलिसिंग की उस अंदरूनी दुनिया को सामने रखा, जिसे मैंने उस दौर में कभी कवर करने की कोशिश ही नहीं की। तब बॉम्बे की भाषा डर थी और मैंने करियर में आगे बढ़ने के लिए उसी भाषा को बेचा। पुलिस नेतृत्व के दबाव और तनाव पर कभी ध्यान ही नहीं दिया। अब जब मैं खुद नेतृत्व की भूमिका में हूं तो किताब ने मुझे और आकर्षित किया। मुझे समझ आया कि पुलिस और क्राइम ब्रांच के प्रमुख के रूप में खुद शिवनंदन ने कैसे उस पेशागत आक्रामकता और अपराध से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति के बीच संतुलन बनाया। और कैसे वे न्यायिक और कानूनी प्रक्रिया के बीच चलती रस्साकशी में फोर्स का मनोबल बनाए रखते थे। पुलिस जानती थी कि ये लोग अपराधी हैं, लेकिन उनको कानून के शिकंजे में लाने के लिए सबूत नहीं होते थे। इस किताब ने मुझे समझाया कि शिवनंदन जैसे लीडर कैसे राज्य सरकार के साथ मिलकर सिस्टम में सुधार करते हैं। साथ ही फोर्स की इमोशनल इंटेलिजेंस को भी बढ़ाते हैं, ताकि वह दूसरी संस्थाओं से अलग दिखे। नवंबर में जब मैं यह किताब पढ़ रहा था, तभी प्रतिष्ठित अमेरिकी लेखिका जॉयस कैरल ओट्स ने इलॉन मस्क को ‘बिल्कुल अनपढ़, अनकल्चर्ड’ कहा। उनकी पोस्ट X पर वायरल हो गई। जॉयस ने पूछा कि कोई इतना अमीर शख्स कभी प्रकृति, पालतू जानवरों, फिल्मों, संगीत, इतिहास या खेलों के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट क्यों नहीं करता। इस पोस्ट पर छिड़ी ऑनलाइन बहस में मस्क ने उन्हें ‘झूठी’ कह दिया। फंडा यह है कि एक अच्छी किताब उठाकर पढ़िए। यह आपके आंतरिक जीवन को समृद्ध बनाती है और आपको दुनिया को देखने का एक व्यापक नजरिया देती है। मैं पढ़ता हूं, क्योंकि इससे मुझे दूसरों को समझने की ताकत मिलती है।
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
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