Congenital Heart Disease: कॉनजेनाइटल हार्ट डिजीज बच्चों में जन्मजात बीमारी है जो मां के गर्भ में ही शुरू हो जाती है लेकिन क्या इसका पता पहले लगाया जा सकता है. अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. चिन्मय गुप्ता ने इसके बारे में विस्तार से बताया है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आप खाना खाते समय एक नियम रोजाना फॉलो करें, तो आप भविष्य में कभी बीमार नहीं पड़ेंगे। आइए जानते हैं ऐसी ही प्राचीन आयुर्वेद प्रैक्टिस के बारे में-
जबलपुर में करीब 11 करोड़ रुपए की लागत से बने प्रदेश की सबसे लंबे फ्लाईओवर ब्रिज की लैंडिंग और व्यवस्थाओं को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि याचिका में फ्लाईओवर से जुड़ें जितने भी मुद्दे उठाए गए हैं, उसको गंभीरता से लेते हुए तत्काल इस पर एक्शन लिया जाए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कुछ ही दिनों बाद दशहरा पर्व है। मैसूर और कोलकाता जैसा त्योहार यहां पर भी मनाया जाता है। जिसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। ऐसे में फ्लाईओवर ब्रिज में व्यवस्थाएं न होने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं ब्रिज के पास बने मकानों में रहने वालों की प्राइवेसी भी समाप्त हो रही है। दशहरे से पहले सरकार कर ले सभी इंतजाम20 सितंबर को जस्टिस अतुल श्रीधरन की कोर्ट में यह मामला आया था। सोमवार को चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि चूंकि दशहरा नजदीक है, इसलिए सरकार की यह जिम्मेदारी है, कि उसके पहले सभी जरूरी इंतजाम कर लिए जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि नवनिर्मित फ्लाई ओवर के ऊपर व एंट्री, एक्जिट पाइंट्स पर संकेतक लगाएं। फ्लाईओवर पर व्यवस्था बनाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत सिंह रुपराह ने कहा कि फ्लाईओवर पर होने वाले शोर का प्रभाव आसपास के निवासियों पर न हो, इसके लिए व्यू कटर लगाने की सभी संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। कोर्ट ने इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर ले लिया। कोर्ट ने कहा- आगामी पर्वों के दौरान भीड़ उमड़ने की संभावना के मद्देनजर जल्द से जल्द आश्वासन पर कार्रवाई की जाए। फ्लाईओवर किनारे रहवासी की निजता का उल्लंघनजबलपुर निवासी अधिवक्ता अलका सिंह की ओर से सीनियर एडवोकेट आदित्य संघी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि जबलपुर में मदन महल से दमोह नाका के बीच 7 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनाया गया है। यह व्यस्ततम आवासीय इलाके से होकर गुजरता है। जिसके दोनों और एकदम सट कर आवासीय कॉलोनियां लगी है। इसके चलते फ्लाईओवर के किनारे निवास करने वाले नागरिकों की निजता का उल्लंघन हो रहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया- दुनिया के यह पहला ऐसा फ्लाईओवर ब्रिज है, जिसमें रोटरी बनाई गई है, जबकि ऐसा नहीं होता है। ब्रिज की डिजाइनिंग में रोटरी दी है। जिसके कारण वाहन चालक भ्रमित होते हैं कि उन्हें कहा से जाना है। यह समझ में नहीं आता कि राइट में जाना है, या फिर लेफ्ट में। सीनियर एडवोकेट ने कोर्ट को यह भी बताया- करीब 7 किलोमीटर का लंबा ब्रिज घनी आबादी के बीच से गुजर रहा है, दोनों तरफ घर बने हुए हैं। जिसके चलते वहां रहने वाले लोगों का घर अंदर तक दिखाई देता है। फ्लाईओवर ब्रिज में शराब पी जा रही है। रानीताल के पास हनुमान मंदिर है, जहां पर कि लोग अराजकता फैलाते हुए कचरा फेंक रहे हैं। ओवरस्पीड चलते हैं वाहनफ्लाईओवर पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चलाए जा रहे हैं। हार्न और वाहनों के कोलाहल से आसपास के इलाके में ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। युवा फ्लाईओवर पर रील बना रहे हैं। इसकी लैंडिंग्स पूरी तरह ब्लॉकिड हैं। लैंडिंग्स पर कहीं भी यू टर्न नहीं बनाया गया है। खासकर मदन महल और राइट डाउन में फ्लाईओवर की लैंडिंग बेहद खतरनाक है। यू टर्न ना बनाए जाने के चलते लैंडिंग्स एक्सीडेंटल पॉइंट बनते जा रहे हैं। फ्लाईओवर पर मुड़ने के लिए समुचित संकेतक नहीं होने से दिन में कई बार बाटलनेक बन रहे हैं, जिससे जाम लग रहा है। छेड़छाड़ की होती हैं घटनाएंरात को बाइकर्स बेहद तेज रफ्तार से फ्लावर से होकर गुजरते हैं। जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। शाम ढलने के बाद फ्लाईओवर पर छेड़छाड़ की घटनाएं भी हो रही हैं। यहां पर ट्रैफिक व व्यवस्था को कंट्रोल करने पुलिस बल मौजूद नहीं रहती। फ्लाईओवर से लोग नीचे कचरा फेंकते हैं, थूकते हैं। यह गंदगी किनारे बने मंदिरों के ऊपर गिरती है।तर्क दिया कि फ्लाई ओवर के दोनों किनारों पर अहमदाबाद की तर्ज पर व्यू कटर लगाया जाए। ताकि आसपास के निवासी ध्वनि प्रदूषण व गंदगी से बच सकें। लैंडिंग्स के आगे यू-टर्न बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि दशहरा व अन्य पर्व आसन्न हैं। इन पर्वों पर भीड़ उमड़ने की चलते फ्लाईओवर पर ट्रैफिक जाम की आशंका है। व्यू कटर लगाए जाएयाचिकाकर्ता ने बताया कि फ्लाईओवर ब्रिज में व्यूकटर लगाए जाते हैं, लेकिन इसमें नहीं लगाया गया है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिए है कि याचिकाकर्ता की दलीलों को तुरंत संज्ञान में लिया जाए, और कार्रवाई करे। सीनियर एडवोकेटर आदित्य संघी ने बताया- यह ब्रिज शहर की घनी आबादी के बीच से होकर गुजर रहा है और ब्रिज के ऊपर से आसपास में रहने वाले लोगों के घरों के अंदरूनी हिस्से भी दिखाते हैं। ऐसी स्थिति में आसपास रहने वाले लोगों की निजता खतरे में है. इसलिए पूरे ब्रिज के ऊपर एक व्यू कटर लगाया जाना चाहिए ताकि ब्रिज के ऊपर से कोई आसपास में रहने वाले लोगों के घरों को ना देख सके. साथ ही ब्रिज के ऊपर सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए।
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