सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर (Q3FY26) के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। यानी आपको पहले जितना ही ब्याज मिलता रहेगा। ऐसे में आप टैक्स बचाने के साथ अपने निवेश पर फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (NSC) स्कीम में पैसा लगा सकते हैं। इस स्कीम में 7.7% ब्याज मिल रहा है। पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में आपको न्यूनतम 1000 रुपए निवेश करना होगा। आप NSC में कितनी भी रकम निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। NSC का लॉक इन पीरियड 5 साल का है। हम आपको इस स्कीम के बारे में बता रहे हैं... इसमें मिलता है टैक्स छूट का फायदानेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में आप जो भी पैसा निवेश करते हैं इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत उस पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। एक फाइनेंशियल ईयर में NSC में आप अधिकतम 1.5 लाख रुपए निवेश करके इस पर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। इसमें 5 साल का रहता है लॉक इन पीरियडअगर आप अपना निवेश निकालना चाहते हैं तो आपको 5 साल का इंतजार करना होगा। इसमें 5 साल का लॉक इन पीरियड रखा गया है। यानी आप अपना पैसा 5 साल से पहले नहीं निकाल सकेंगे। इसमें कोई भी भारतीय नागरिक कर सकता है निवेशइसमें स्कीम में निवेश करने के लिए भारत का निवासी नागरिक होना जरूरी है। इसके अलावा इसमें 3 लोग मिलकर जॉइंट अकाउंट भी खोस ल सकते हैं। ये अकाउंट किसी भी पोस्ट ऑफिस में जाकर खोला जा सकता है। इसमें निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान 5 साल की FD पर SBI दे रहा 6.05% ब्याजदेश का सबसे बड़ा बैंक SBI इस समय 5 साल की FD पर 6.50% सालाना ब्याज दे रहा है, जो NSC में मिलने वाले ब्याज से कम है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक भी 5 साल की FD पर 6.50% सालाना ब्याज दे रहा है। 5 साल की FD पर भी मिलता है टैक्स छूट का लाभइनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत, आपकी कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। आसान भाषा में इसे ऐसे समझें, आप सेक्शन 80C के माध्यम से अपनी कुल कर योग्य आय से 1.5 लाख तक कम कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय ओल्ड रिजीम को चुनना होगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज नैनीताल में स्थित बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम में पहुंचेंगी, यह पहली बार होगा जब देश का कोई राष्ट्रपति कैंची धाम में होगा। राष्ट्रपति की इस विजिट के लिए मंदिर सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। वहीं, पूरे इलाके में सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम कर दिए गए हैं। एसएसपी नैनीताल ने पूरे क्षेत्र को रेड जोन घोषित किया है और सुरक्षा के लिए 1500 से अधिक अधिकारी व जवान तैनात किए गए हैं। कैंची धाम के दर्शन के बाद राष्ट्रपति नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। वे 11:35 से 12:15 बजे तक समारोह में 20 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देंगी। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने इस वर्ष अपना 51वां स्थापना वर्ष पूरा किया है और यह पहला मौका है जब दीक्षांत समारोह में देश की प्रथम नागरिक मुख्य अतिथि होंगी। हेलिकॉप्टर लैंडिंग और स्वागत राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर सोमवार शाम हल्द्वानी के आर्मी हेलीपैड में लैंड हुआ। राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल, डीएम ललित मोहन रयाल, एसएसपी मंजूनाथ टी.सी., मेयर गजराज बिष्ट और आर्मी स्टेशन कमांडेंट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। राष्ट्रपति का काफिला सीधे नैनीताल के राजभवन के लिए रवाना हुआ, जहां उन्होंने रात्रि भोज और विश्राम किया। राजभवन की 125वीं वर्षगांठ में शामिल हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीते शाम ही राजभवन नैनीताल की 125वीं वर्षगांठ कार्यक्रम में भाग लिया। यहां पर भी उनका भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। राजभवन की गौरवशाली विरासत, स्थापत्य सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। राष्ट्रपति ने साझा की संवैधानिक और सांस्कृतिक दृष्टि इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन गणराज्य का प्रतीक है, वैसे ही राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं। उन्होंने राज्यपाल कार्यालय से जुड़े सभी सदस्यों को सरलता, विनम्रता, नैतिकता और संवेदनशीलता का पालन करने की प्रेरणा दी। राष्ट्रपति ने उत्तराखंड राज्य की प्रगति और समृद्धि की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल और उनकी टीम राज्य के नागरिकों को निरंतर प्रेरित करती रहेंगी। कुमाऊं विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह राष्ट्रपति आज कुमाऊं विश्वविद्यालय के 51वें स्थापना वर्ष के दीक्षांत समारोह में भी मुख्य अतिथि होंगी। वे 20 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देंगी। कुलपति प्रोफेसर डी.एस. रावत ने बताया कि यह विश्वविद्यालय के इतिहास में पहला अवसर है जब देश की प्रथम नागरिक दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। इससे विश्वविद्यालय को देशभर में नई पहचान मिलेगी। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं और राज्यपाल का कार्य संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने राजभवन से जुड़े सभी अधिकारियों को सरलता, विनम्रता और नैतिकता का पालन करने की प्रेरणा दी। राष्ट्रपति ने उत्तराखंड राज्य की निरंतर प्रगति और समृद्धि की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि राज्य के नागरिकों को राज्यपाल और उनकी टीम से अमूल्य प्रेरणा मिलती रहेगी।
लखनऊ विश्वविद्यालय : दीक्षांत सप्ताह के विजेताओं को मिला सम्मान
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