करियर क्लैरिटी सीजन 2 के 66वें एपिसोड में आपका स्वागत है। आज हम दो सवाल एक पेरेंट संदीप का है और का जवाब दे रहे हैं। पहला सवाल से संदीप सिंह का है और दूसरा सवाल दिनेश चंद का। सवाल- मेरी बेटी 12वीं कॉमर्स की स्टूडेंट्स है। उसे इंटीरियर डिजाइनिंग में इंटरेस्ट है। कृपया सलाह दें उसे ये कोर्स कहां से करवाना चाहिए, फीस क्या होगी कृपया सलाह दें। जवाब- सीनियर करियर काउंसलर श्वेता खन्ना भंद्राल बताती हैं- NID DAT - B.Design कर सकते हैं। आप चाहें तो सृष्टि मणिपाल यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु का एंट्रेंस दे सकते हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग से जुड़ी यूनिवर्सिटी सवाल-मैंने डीफार्मा किया है। मुझे मेडिकल शॉप खोलनी है, इसके लिए क्या क्राइटेरिया है, इसके लिए कैसे परमिशन मिलती है। जवाब- सीनियर करियर काउंसलर रत्ना पंथ बताती हैं- सबसे पहले आपको स्टेट फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवना होगा। ए तय करें कि आप रीटेल या होल सेल में बिजनेस करना चाहते हैं। ड्रग लाइसेंस के लिए ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट से बात करें। आप rajswasthya.rajasthan.gov.in पर भी अप्लाई कर सकते हैं। इसमें इंसपेक्शन होगा और 30-60 दिन में आपको लाइसेंस मिल जाएगा। पूरे जवाब देखने के लिए ऊपर वीडियो पर क्लिक करें ----------------------------
जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिलने से परेशान हैं। मंगलवार को इन कर्मचारियों ने अपनी परेशानी बताने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इन कर्मचारियों में कंप्यूटर ऑपरेटर और सपोर्टिंग स्टाफ शामिल हैं। उनका कहना है कि वेतन नहीं मिलने की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार अधिकारियों से बात करने के बावजूद सिर्फ आश्वासन मिलता है, लेकिन वेतन नहीं। कम वेतन, धमकी और शोषण का आरोप कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें कुशल मजदूर की दर से भी कम वेतन दिया जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नियमों के अनुसार उन्हें पूरी मजदूरी मिलनी चाहिए। उनका आरोप है कि अधिकारी और आउटसोर्स कंपनियां मिलकर उनका शोषण कर रही हैं। जब वे वेतन मांगते हैं तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। कर्मचारी रवि और सरस्वती रजक ने बताया कि पहले की एजेंसी ‘ग्लो एंड गार्ड’ और अब की ‘सिग्मा इन्फोटेक’ – दोनों ही समय पर वेतन नहीं देती हैं। साथ ही पीएफ और ईएसआई का पैसा भी नहीं जमा किया जा रहा। सरस्वती रजक ने कहा कि अब हालात इतने खराब हो गए हैं कि घर का किराया, बच्चे की स्कूल फीस और बाकी ज़रूरी खर्च भी पूरा करना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने दिया आश्वासन मामला सामने आने के बाद संयुक्त कलेक्टर शिवानी सिंह ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही सीएमएचओ कार्यालय से जानकारी लेकर इस समस्या का हल निकालेंगी।
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