Tranding

पितृ दोष से कई गुना ज्‍यादा खतरनाक है प्रेत दोष, जीते जी लग जाए तो जीवन पर आते हैं ऐसे भारी संकट

Pret Dosh: प्रेत दोष का संबंध भी पितृ दोष की तरह पूर्वजों की आत्‍माओं से है. लेकिन प्रेत दोष लग जाए तो परिवार को भारी कष्‍ट और संकटों का सामना करना पड़ता है. लिहाजा जितना जल्‍दी संभव हो इसका निवारण का उपाय कर लेना च‍ाहिए.

संघ की शताब्दी वर्षगांठ पर बिशनखेड़ी में पथ संचलन:4 गांवों के सैकड़ों स्वयं सेवक गणवेश में शामिल, पुष्प वर्षा से स्वागत

झालावाड़ के खानपुर क्षेत्र के बिशनखेड़ी गांव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शताब्दी वर्षगांठ पर रविवार को पथ संचलन निकाला गया। यह पथ संचलन पावनधाम हनुमान मंदिर परिसर से शुरू हुआ। संचलन मेरोठा मोहल्ला, ठाकुरजी मंदिर, बैरवा बस्ती, बागोद, देवनारायण मंदिर और माताजी मंदिर से होते हुए हनुमान मंदिर परिसर पर समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम में बिशनखेड़ी, बागोद, पनवाड़ और सरखंडिया से स्वयं सेवक शामिल हुए। सभी स्वयं सेवक पूर्ण गणवेश में थे। बैंड वादन और गगनभेदी घोष के साथ अनुशासित पंक्तियों में चल रहे स्वयं सेवकों का रास्ते में ग्रामीणों और विभिन्न संगठनों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया। बारां विभाग ग्राम विकास प्रमुख ज्ञानेन्द्र ओझा ने कहा कि पथ संचलन मातृभूमि के प्रति समर्पण, एकात्मता और समाजसेवा की भावना का प्रतीक है। कार्यक्रम में नगरवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पनवाड़ थाना पुलिस बल तैनात रहा। इस पथ संचलन का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज में संगठन, एकता और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।

रसरंग में चिंतन:जितना पावन कैलाश मानसरोवर कमाई भी हो उतनी ही पवित्र

आसानी से करोड़पति बना देने वाली जानी-मानी परंपराओं का त्याग कर अस्पताल चलाने वाले एक डॉक्टर को मैं जानता हूं। वे अपने क्षेत्र के एक अच्छे विशेषज्ञ हैं, साथ ही गहरे अध्ययनशील और अच्छे पाठक भी हैं। एक बार वे मुझे अपने अस्पताल ले गए। वहां मैंने देखा कि कई बिस्तर खाली पड़े हैं। डॉक्टर चाहें तो उन बिस्तरों को भरने के लिए तरह-तरह के उपाय कर सकते थे, जैसा अक्सर होता है। तब शायद बिस्तर कम पड़ जाते। लेकिन उन्होंने अपने पेशे को बदनाम नहीं होने दिया। तपस्वी की तरह, पूरी साधुता के साथ वे अपना व्यवसाय चला रहे हैं। बिस्तर भले खाली थे, पर हर बिस्तर से ईमानदारी की सुगंध आ रही थी। बेशक, ये डॉक्टर भी कमाते हैं, पर इस डॉक्टर की कमाई कैलास मानसरोवर की तरह पवित्र है। पवित्र कमाई यानी पवित्र जीवन और पवित्र जीवन यानी प्रभुमय जीवन। यह डॉक्टर अपने जीवन को प्रभु को समर्पित कर जी रहे हैं। हमारे समाज में ऐसी कोई परंपरा नहीं है, जिसमें प्रभुमय जीवन जीने वाला संसारी भी साधु कहलाए। इसलिए वे बिना किसी विशेष उपाधि के चुपचाप अपना धर्म निभा रहे हैं। बुद्ध ने पवित्र कमाई के लिए शब्द दिया है - सम्यक आजीव। जिसकी कमाई गंदी हो, वह चाहे लाख बार मंदिर चला जाए, प्रभु से दूर ही रहेगा। यह डॉक्टर एक गुप्त तपस्या कर रहे हैं। उनकी तपस्या भव्य है, दिव्य है। तपस्या कभी वाचाल नहीं होती। कम कमाई के कारण उन्हें अन्य ‘वीर’ डॉक्टरों जैसा सम्मान भी नहीं मिलता। लेकिन यदि आप उनके साथ बैठकर बातचीत करें तो आपको चार धाम की यात्रा करने की आवश्यकता ही नहीं पड़े। आखिर क्या है चार धाम की यात्रा? ईमानदारी, सत्यप्रेम, करुणा और सदाचार की साधना। उनके अस्पताल से लौटकर मैंने अपनी भावनाएं कुछ इन शब्दों में व्यक्त की थी: खाली बिस्तरों की सुगंध निराली / उस सुगंध से जो स्वर फूटा/ वह था ईमानदारी का स्वर/ वह मंदिर के गर्भगृह की सुगंध थी।सूक्ष्मनिष्ठा में स्थूल की उपेक्षा नहीं है। सूक्ष्म को संभालने से जो स्थूल बचता है, वह भी आदरणीय है। स्थूल के प्रति सजगता को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सत्य की उपासना सूक्ष्म है। विनोबा भावे जी कहा करते थे, रावण ने तप तो खूब किए, लेकिन चित्त की शुद्धि नहीं कर सका। सत्य और तप द्वारा सूक्ष्म तत्व को बार-बार देखने का सार यही है: मोह का रूपांतरण स्वच्छ प्रेम में करना है। अहंकार का रूपांतरण सत्य के आग्रह में करना है। वैभव को ठुकराना नहीं, बल्कि उसे सहज संतोष में रूपांतरित करना है। लक्ष्मी का अनादर नहीं करना, बल्कि उसे स्वच्छ रखकर घर में उसका स्वागत करना है। धन का नहीं, लक्ष्मी का स्वागत पवित्र कर्म है। संस्कार का पालन करना, पर उसे सच्चाई और साधन शुद्धि से सजाना भी है। कैम्ब्रिज बुद्धिस्ट एसोसिएशन के एक ध्यान शिविर में किसी ने माता मॉरीन फ्रिडगुड से पूछा, क्या आपका परिवार भी ध्यान जैसी बातों में रुचि रखता है? मॉरीन स्वयं एक बौद्ध साधिका थीं। उन्होंने थोड़े संकोच से कहा, मुझे कहते हुए संकोच हो रहा है कि मेरे परिवार के अन्य सदस्य ऐसी बातों में रुचि नहीं रखते। उसी समय वहां झेन साधु सोएन ऋषि बैठे थे। उनसे भी यही सवाल किया गया। उन्होंने उत्तर दिया- परिवार में इस तरह का एक ही व्यक्ति काफी होता है। सत्य की उपासना या सांसारिक जीवन को शोभा देने वाली तपस्या एक अकेली यात्रा है। इसके लिए मनुष्य को तैयार रहना चाहिए। अपने विचार किसी पर थोपने नहीं चाहिए। संसार छोड़े बिना लोभ, मोह, क्रोध और अहंकार को साधना ही असली साधना है। सत्य हमेशा मजबूत दलील: एक वक्त था, जब कश्मीर में शैवपंथ का खासा प्रभाव था। संत पंडित गोपीनाथ शैवपंथ के विद्वान थे। वे बहुत कम बोलते थे, लेकिन उनका बोलना ही मूल्यवान होता था। उन्होंने कहा था कि आध्यात्मिक जगत में प्रवेश करने के पहले मानव को नीतिवान बनना चाहिए। उनका मानना था कि शांति ही ईश्वर है। ग्रीस के महान दार्शनिक सोफोक्लीस का मानना है कि सत्य हमेशा मजबूत दलील होता है। सत्यवचन का प्रभाव गहरा होता है। साधक हर पल श्रद्धा को मांज-मांजकर उसे स्वच्छ बनाता ही रहता है। भगवद्गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं- सत् शब्द सद्भाव और साधुभाव में भी प्रयुक्त होता है। अश्रद्धा से यज्ञ, दान, तप या जो कुछ किया जाता है, उसे असत् ही कहा जाएगा।

Comments (Please Share your views)

Follow Us

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020

Advertisement

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020

Advertisement

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Get In Touch

Ashok nager, Delhi, India

909 505 9818

info@indiannews20.online

Follow Us
Flickr Photos
Mandi News: शिक्षा खंड सलवाहन ने क्लस्टर सिस्टम का किया विरोध
टैक्स कलेक्शन तगड़े उछाल के साथ 11 लाख करोड़ के पास, सबसे ज्यादा कहां से आया?
ससुर और पति को खाने में जहर देकर मार दिया, बहू गिरफ्तार; पैसों का था झगड़ा
भारत में अवसर टटोले वैश्विक निवेशक: गडकरी
भारतीयों के लिए दिलदार हुआ ये देश, पढ़ने के लिए फ्री में देगा वीजा, जानें किन छात्रों को मिलेगा फायदा
Karisma Kapoor: जब करिश्मा ने गिनाई थीं आमिर-सलमान और शाहरुख की खूबियां, तीनों खान पर कही थी ऐसी बात
राजस्थान ट्रेनी SI सुसाइड का खुलासा व्हाट्सएप चैट से:परिजनों ने बताया- डिप्रेशन में था; हाईकोर्ट ने रद्द की थी 859 पदों की भर्ती
Fatehabad News: सीएम फ्लाइंग ने स्कूलों में रिकॉर्ड और मिड-डे मील की सामग्री जांची, सही मिली शिक्षकों की हाजिरी
Usain Bolt को स्कोलियोसिस बीमारी, क्यों अब सीढ़ियां चढ़ते समय फूलने लगती है उनकी सांस

© India News 20. All Rights Reserved. Design by PPC Service