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Health Tips: पेट से जुड़ी कई समस्याओं का इलाज है इसबगोल की भूसी, ऐसे करें इस्तेमाल

पेट की समस्या कई रोगों को जन्म देती है। अगर रोजाना किसी का पेट साफ नहीं होता है या फिर खाना खाते ही दस्त आने लगते हैं। तो यह दोनों ही स्थिति मेडिकल कंडीशन में साफ नहीं मानी जाती हैं। इन समस्याओं में इसबगोल की भूसी का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। बहुत सारे लोगों को लगता है कि इसबगोल का इस्तेमाल सिर्फ कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। जबकि ऐसा नहीं है, यह आयुर्वेदिक औषधि का अलग-अलग तरीके से सेवन करने से दस्त, डायरिया और कब्ज की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इसबगोल की भूसी खाने के अलग-अलग तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।जानिए क्या है इसबगोलइसबगोल की सीलियम हस्क के नाम से भी जानते हैं। आयुर्वेदमें इसबगोल को ऑयली माना जाता है, जोकि वात और पित्त के बैलेंस को ठीक करता है। इसबगोल की भूसी खाने से पेट से जुड़ी कई बीमारियों से आपको राहत मिलती है। इसबगोल को खाने के दो तरीके बताए गए हैं, जोकि कब्ज के अलावा डायरिया की समस्या को खत्म करेंगे।इसे भी पढ़ें: Weight Loss: वेट लॉस के लिए डेली रूटीन में शामिल करें ये आदतें, महीने भर में दिखेगा असरदस्त होने पर ऐसे खाएं इसबगोलजिन लोगों को बार-बार दस्त की समस्या होती है, उनको इसबगोल की भूसी को दही के साथ मिलाकर खाना चाहिए। ऐसा करने से लूज मोशन यानी की दस्त की समस्या दूर होगी।कब्ज में ऐसे खाएं इसबगोलअगर किसी व्यक्ति को हर समय कब्ज की समस्या बनी रहती है, तो इसको गर्म दूध के साथ मिलाकर खाना चाहिए। इससे कब्ज की समस्या दूर होती है।पाइल्स की समस्या में ऐसे खाएं इसबगोलजिन लोगों को पाइल्स और फिशर की समस्या रहती है, उनको भी इसबगोल को गर्म दूध के साथ खाना चाहिए। पाइल्स और फिशर की समस्या में भी आराम मिलता है।गट हेल्थ के लिए भी फायदेमंदअगर किसी व्यक्ति को पुअर गट हेल्थ की समस्या रहती है, तो उसको बॉडी में गुड बैक्टीरिया बढ़ाते हैं और उसको इसबगोल की भूसी को जरूर खाना चाहिए। इससे गट में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाने में मदद मिलती है।

Google Map ने कार को तालाब में पहुंचाया, जा रहे थे अंबाला... डूबने लगी गाड़ी तो चार दोस्तों ने कूदकर बचाई जान

Google Map Wrong Route News in Meerut: मेरठ से गूगल मैप के कारण रास्ता भटकने का मामला सामने आया है। अंबाला जा रहे चार दोस्त गलत रूट के कारण तालाब में गाड़ी समेत गिर गए।

जैन धर्म में त्रिलोक तीज या रोटतीज पर्व कैसे और क्यों मनाते हैं?

Trilok Teej Vrat:त्रिलोक तीज या रोटतीज जैन धर्म का एक विशेष आध्यात्मिक पर्व है, जो न केवल व्रत और पूजा का प्रतीक है, बल्कि जैन दर्शन की त्रिलोक रचना, कर्म सिद्धांत, और आत्मा की मुक्ति के मार्ग को भी श्रद्धापूर्वक याद करने का अवसर है। इस व्रत के दिन ...

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