किशनगंज में रिश्ते को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। यहां एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की ने अपने दूर के रिश्तेदार मामा पर दुष्कर्म और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। इस मामले में गुरुवार को महिला थाना में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। घटना 1 सितंबर को हुई थी,आरोपी ने सुनसान जगह का उठाया फायदा प्राथमिकी के अनुसार, यह घटना 1 सितंबर को हुई थी। नाबालिग लड़की अपने चाचा के घर पढ़ने गई थी। पढ़ाई के बाद जब वह घर लौट रही थी, तो रास्ते में एक सुनसान गली पड़ती है। बहादुरगंज थाना क्षेत्र निवासी आरोपी मोहम्मद सज्जाद ने इसी सुनसान जगह का फायदा उठाया। आरोपी ने लड़की का पीछा किया और उसका रास्ता रोककर पीने के लिए पानी मांगा। कुछ देर बाद, वह नाबालिग लड़की को जबरन एक कमरे में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। लड़की ने घटना का विरोध भी किया। घटना का जिक्र न करने की धमकी, नाबालिग महिला थाना पहुंची आरोपी ने घटना का जिक्र किसी से भी न करने की धमकी देकर नाबालिग को चुप करा दिया। इस मामले को लेकर बाद में पंचायती भी हुई, लेकिन उसमें कोई समाधान नहीं निकल पाया। इसके बाद नाबालिग लड़की न्याय की गुहार लगाने महिला थाना पहुंची। महिला थानाध्यक्ष सुनीता कुमारी ने बताया कि पीड़ित नाबालिग लड़की के आवेदन पर विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया पर 26 साल के स्कॉट फेन्सोमे ने शेयर किया कि वो लोगों के लावारिस बैग खरीदता है. ये वो लगेज होता है, जिसे एयरपोर्ट पर कोई क्लेम नहीं करता. इसके बाद वो अंदर रखी चीजें निकाल कर लोगों के साथ शेयर करता है. अब उसने बताया कि आजतक उसने इन बैग्स से क्या-क्या बरामद किया है.
लखनऊ में विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में राज्य पुरातत्व निदेशालय द्वारा शुक्रवार को छतर मंजिल परिसर में एक दिवसीय योग साधना शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुआ। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली, कार्यक्षमता और मानसिक संतुलन को बेहतर बनाने के उद्देश्य कार्यक्रम हुआ। योग साधना शिविर में राकेश चतुर्वेदी और विशाखा ने प्रतिभागियों को ध्यान और योग की महत्ता से अवगत कराया। उन्होंने ध्यान के विभिन्न आयामों, उसके वैज्ञानिक आधार तथा दैनिक जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। योग से तनाव से मिलती है मुक्ति प्रशिक्षकों ने बताया कि नियमित ध्यान एवं श्वसन आधारित साधनाओं के अभ्यास से तनाव, निराशा और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है, जिससे व्यक्ति में आत्मविश्वास, सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिक शांति का विकास होता है। एकाग्रता और ऊर्जा का अनुभव किया कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को योगासन, प्राणायाम और ध्यान का व्यावहारिक अभ्यास भी कराया गया। अभ्यास सत्र के बाद उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने मानसिक ताजगी, एकाग्रता और ऊर्जा का अनुभव किया। कार्य दबाव को कम करने में मिली मदद राज्य पुरातत्व निदेशालय की निदेशक रेनू द्विवेदी ने कहा कि इस प्रकार के शिविर कार्य दबाव को कम करने और सकारात्मक वातावरण बनाने में सहायक होते हैं। योग और ध्यान न केवल व्यक्तिगत जीवन को संतुलित बनाते हैं, बल्कि संस्थागत कार्य संस्कृति को भी बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
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